हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , मदरसा इल्मिया अलमेंहदी अ.ज मस्जिद सुलेमान के नमाज़ख़ाने में हौज़ात-ए-इल्मिया के छात्रों की मौजूदगी में दर्स-ए-अख़लाक़ देते हुए उन्होंने कई अहम बात पर चर्चा की।
अहवाज़ के इमाम जुमाआ ने इस मौके पर अशर-ए-फजर और अय्यम-ए-शाबानिया की मुबारकबाद पेश करते हुए खुद साज़ी की अहमियत पर ज़ोर दिया उन्होंने कहा, माह-ए-रजब और माह-ए-शाबान खुद एहतसाबी (आत्मनिरीक्षण) और रूहानी तरबियत (आध्यात्मिक प्रशिक्षण) के महीने हैं हमें चाहिए कि खुद-साज़ी के जरिए रमज़ानुल-मुबारक में पूरी तैयारी के साथ दाखिल हों।
सावधान रहें! कभी एक गुनाह तमाम नेक आमाल को बर्बाद सकता है
उन्होंने कहा,कई बार इंसान एक ऐसा गुनाह कर बैठता है जो उसके तमाम नेक आमाल को मिटा देता है।
ख़ुज़िस्तान में वली ए फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने कहा,इंसान को चाहिए कि वह अपने अंदर झांके अपने नफ़्स (आत्मा) का मुहासिबा करे और रमज़ान के महीने में पूरी समझ और आध्यात्मिक जागरूकता के साथ दाखिल होने की तैयारी करे ताकि शबे-क़द्र समेत इस मुकद्दस महीने की बरकतों से भरपूर फ़ायदा उठा सके।
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